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बृहस्पति व्रत कथा और आरती - दरिद्रता दूर करने का प्रभावी उपाय

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बृहस्पति व्रत कथा:

बृहस्पति व्रत, बृहस्पति देव की पूजा का एक महत्वपूर्ण और पवित्र अनुष्ठान है। बृहस्पति देव, जिन्हें गुरु बृहस्पति भी कहा जाता है, ज्ञान, शिक्षा, और समृद्धि के देवता हैं। उनका व्रत विशेष रूप से बृहस्पतिवार के दिन किया जाता है। यह दिन उनके भक्तों के लिए बहुत खास होता है, क्योंकि इस दिन बृहस्पति देव की विशेष पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

कथा:

काफी समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब व्यक्ति रहता था, जिसका नाम रामू था। रामू की आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय थी कि वह अपने परिवार को ठीक से भोजन भी नहीं दे पाता था। उसकी इस मुश्किल स्थिति से परेशान होकर उसके एक पड़ोसी ने उसे बृहस्पतिवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा करने का सुझाव दिया। पड़ोसी ने बताया कि बृहस्पति देव की पूजा और व्रत करने से उसके जीवन में बहुत सारे सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।

रामू ने पड़ोसी की सलाह मानी और बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखने का निर्णय किया। उसने ठान लिया कि वह इस दिन पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ बृहस्पति देव की पूजा करेगा।

बृहस्पतिवार की सुबह, रामू ने सबसे पहले अपने घर को पूरी तरह से साफ किया और पीले वस्त्र पहनकर पूजा की तैयारी शुरू की। उसने पीले फूल, चने की दाल, और हल्दी का पूजन सामग्री के रूप में उपयोग किया, क्योंकि ये वस्तुएं बृहस्पति देव को प्रिय हैं। उसने बृहस्पति देव की तस्वीर को एक साफ जगह पर रखा और दीपक जलाया।

पूजा के दौरान, रामू ने बृहस्पति देव की स्तुति की और उनका ध्यानपूर्वक ध्यान किया। उसने बृहस्पति देव से विनती की कि उनके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का आगमन हो। वह पूरा दिन उपवासी रहा और व्रत की विधियों का पालन किया।

उसने पूजा के बाद बृहस्पति देव को विशेष प्रसाद अर्पित किया और श्रद्धा पूर्वक आरती की। वह इस दिन को बहुत ही विशेष मानते हुए बृहस्पति देव से अपनी दरिद्रता और समस्याओं को दूर करने की प्रार्थना करता रहा।

रामू की sincere भक्ति और समर्पण को देखकर बृहस्पति देव ने उसकी प्रार्थना स्वीकार की। पूजा के कुछ दिनों बाद, रामू के जीवन में अचानक से एक बड़ा बदलाव आया। उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और उसकी दरिद्रता समाप्त हो गई। वह अपने परिवार के लिए पर्याप्त भोजन और सुख-सुविधाएं प्राप्त करने लगा।

इस व्रत ने रामू को एक नई उम्मीद और आत्मविश्वास दिया। उसकी भक्ति और विश्वास ने उसे सही दिशा में मार्गदर्शित किया। बृहस्पति देव की कृपा से उसकी ज़िंदगी में खुशहाली और समृद्धि की बहार आ गई।

बृहस्पति देव की आरती:

आरती बृहस्पति देव की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे करने से भक्तों को बृहस्पति देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और उनका जीवन सुख-समृद्धि से परिपूर्ण हो जाता है। यहाँ बृहस्पति देव की आरती की एक सरल और प्रभावशाली संक्षेप रूप में प्रस्तुति की गई है:

 

ॐ गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः।

गुरुः साक्षात परम ब्रह्मा तस्मै श्री गुरवे नमः॥

 

श्वेतपद्मधरं देवं, श्वेतपादं च वंदयामि।

बृहस्पतिं यशस्वीम, आभ्यां श्वेतां प्रणमामि॥

 

गुरु महेश्वर गुरु बृहस्पति, गुरु ब्रह्मा और विष्णु।

गुरु बृहस्पति की आरती, श्री बृहस्पति देव की पूजा, मेरे साथ संपन्न करें॥

 

ॐ जय गुरु श्री बृहस्पति, कृपा कर रहो हमेशा।

कृपापात्र कृपालु देव, व्रत पूजन का लाभ दे॥

 

ॐ बृहस्पति देव की आरती, हर बृहस्पतिवार की पूजा।

गुणनिधि अर्चन, विधिपूर्वक पूजा, तस्मै श्री गुरवे नमः॥

 

यह आरती बृहस्पति देव की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ गाकर भक्त बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को समृद्धि की ओर ले जा सकते हैं। बृहस्पति व्रत और पूजा के माध्यम से बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त करने से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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